Sunday, September 30, 2018
Wednesday, September 26, 2018
Tuesday, September 25, 2018
Cold (Treatment)
A
अजवाइन
B
Biochemic No. 6 (COUGH, COLD AND CATARRH), 10 (ENLARGED TONSILS), 11 (FEVER), 12 (HEADACHE)
C
D
E
F
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H
I
J
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अजवाइन
B
Biochemic No. 6 (COUGH, COLD AND CATARRH), 10 (ENLARGED TONSILS), 11 (FEVER), 12 (HEADACHE)
C
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Sunday, September 23, 2018
jain vinti (gazal)
जिन धर्म का हर पल पालन हो| x2
अंत समाधि से हो यूं जीवन हो|| x2
दुर्ध्यान से रख पाऊं दूरी| x2
अविरत प्रभु का सुमिरन हो|| x2
मोह कषायें दूर रखूं मैं| x2
सम्यक रत्नों का आलंबन हो|| x2
हर पल जीवन में आस यही| x2
जिन धर्म चर्चा का श्रवण हो|| x2
समता और क्षमा हों आभूषण| x2
सच्चे श्रावक सा जीवन हो||x2
जिन धर्म का हर पल पालन हो| x2
अंत समाधि से हो यूं जीवन हो|| x2
आतिश इंदौरी
Please send your valuable comments at ravikumarjain at gmail.com or whatsapp at 9406630247.
Tuesday, September 18, 2018
Jain grocery list
A
AMCHUR
atta
B
besan
badam
badam pooja
C
chana dal
chaval
चवली/लोबिया
D
KHADA DHANIYA
E
F
G
ghee
H
hing
I
J
K
kaju
kismis
KALI MIRCH
L
M
maithi daana
makhane
mirch khadi
N
O
P
Q
R
S
SAUNF
sugar/boora
sendha namak
T
toor dal
U
URAD DAL DHULI
V
W
X
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Z
AMCHUR
atta
B
besan
badam
badam pooja
C
chana dal
chaval
चवली/लोबिया
D
KHADA DHANIYA
E
F
G
ghee
H
hing
I
J
K
kaju
kismis
KALI MIRCH
L
M
maithi daana
makhane
mirch khadi
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S
SAUNF
sugar/boora
sendha namak
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toor dal
U
URAD DAL DHULI
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Monday, September 17, 2018
aarati
यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे ।
पहली आरती श्री जिनराजा, भव दधि पार उतार जिहाजा ।
यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे
दूसरी आरती सिद्धन केरी, सुमरण करत मिटे भव फेरी ।
यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे
तीजी आरती सूर मुनिंदा, जनम मरन दुःख दूर करिंदा ।
यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे
चोथी आरती श्री उवझाया, दर्शन देखत पाप पलाया ।
यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे
चोथी आरती श्री उवझाया, दर्शन देखत पाप पलाया ।
यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे
पाचवी आरती साधू तिहारी, कुमति विनाशक शिव अधिकारी ।
यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे
छट्टी आरती श्री बाहुबली स्वामी, करी तपस्या हुए मोक्ष गामी ।
यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे
सातवी आरती श्री जिनवाणी, ज्ञानत सुरग मुक्ति सुखदानी ।
यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे
आरती करू सम्मेद शिखर की, कोटि मुनि हुए मोक्ष गामी जी ।
यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजे
जो यह आरती करे करावे, सौ नर-नारी अमर पद पावें ।
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तुम से लागी लगन, ले लो अपनी शरण, पारस प्यारा,
मेटो मेटो जी संकट हमारा ।
निशदिन तुमको जपूँ, पर से नेह तजूँ, जीवन सारा,
तेरे चाणों में बीत हमारा ॥टेक॥
अश्वसेन के राजदुलारे, वामा देवी के सुत प्राण प्यारे।
सबसे नेह तोड़ा, जग से मुँह को मोड़ा, संयम धारा ॥मेटो॥
इंद्र और धरणेन्द्र भी आए, देवी पद्मावती मंगल गाए।
आशा पूरो सदा, दुःख नहीं पावे कदा, सेवक थारा ॥मेटो॥
जग के दुःख की तो परवाह नहीं है, स्वर्ग सुख की भी चाह नहीं है।
मेटो जामन मरण, होवे ऐसा यतन, पारस प्यारा ॥मेटो॥
लाखों बार तुम्हें शीश नवाऊँ, जग के नाथ तुम्हें कैसे पाऊँ ।
‘पंकज’ व्याकुल भया दर्शन बिन ये जिया लागे खारा ॥मेटो॥
-----
Paryushan दस लक्षण धर्म
दस लक्षण धर्म
1. क्षमा 14/09/18
2. विनम्रता (मार्दव) 15/09/18
3. माया का विनाश (आर्जव) 16/09/18
4. निर्मलता (शौच) 17/09/18
5. सत्य 18/09/18
6. संयम 19/09/18
7. तप 20/09/18
8. त्याग 21/09/18
9. परिग्रह का निवारण (अकिंचन्य) 22/09/18
10. ब्रह्मचर्य 23/09/18
1. क्षमा 14/09/18
2. विनम्रता (मार्दव) 15/09/18
3. माया का विनाश (आर्जव) 16/09/18
4. निर्मलता (शौच) 17/09/18
5. सत्य 18/09/18
6. संयम 19/09/18
7. तप 20/09/18
8. त्याग 21/09/18
9. परिग्रह का निवारण (अकिंचन्य) 22/09/18
10. ब्रह्मचर्य 23/09/18
Sunday, September 16, 2018
Easy Meditation Schedule by आतिश इंदौरी (रवि कुमार जैन)
सुब्ह जागने पर
धन्यवाद का उद्घोष करते हुये आंख बंद करके deep breathing (पांच मिनट)
धन्यवाद प्रभु, नया दिन प्रदान करने के लिये।
धन्यवाद सूरज, मुझ को प्राण-ऊर्जा प्रदान करने के लिये।
धन्यवाद वायु, मुझ को प्राण-वायु प्रदान करने के लिये।
धन्यवाद जल
धयवाद धरती, मुझे आसरा देने के लिये।
धन्यवाद पेड़, Oxygen प्रदान करने के लिये।
हर किसी का धन्यवाद जो मेरी आनंद यात्रा में सहयोगी हैं और जो सहयोग नहीं कर रहे हैं उनसे निवेदन हैं की वे इस आनंद यात्रा में मेरा सहयोग करें।
दोपहर
धन्यवाद का उद्घोष करते हुये आंख बंद करके deep breathing (पांच मिनट)
धन्यवाद प्रभु, समय आनंद से गुजर रहा हैं।
धन्यवाद सूरज, मुझ को प्राण-ऊर्जा प्रदान करने के लिये।
धन्यवाद वायु, मुझ को प्राण-वायु प्रदान करने के लिये।
धन्यवाद जल
धयवाद धरती, मुझे आसरा देने के लिये।
धन्यवाद पेड़, Oxygen प्रदान करने के लिये।
हर किसी का धन्यवाद जो मेरी आनंद यात्रा में सहयोगी हैं और जो सहयोग नहीं कर रहे हैं उनसे निवेदन हैं की वे इस आनंद यात्रा में मेरा सहयोग करें।
सोने के समय
धन्यवाद का उद्घोष करते हुये आंख बंद करके deep breathing (पांच मिनट)
धन्यवाद प्रभु, आज के आनंद के लिये।
धन्यवाद सूरज, मुझ को प्राण-ऊर्जा प्रदान करने के लिये।
धन्यवाद वायु, मुझ को प्राण-वायु प्रदान करने के लिये।
धन्यवाद जल
धयवाद धरती, मुझे आसरा देने के लिये।
धन्यवाद पेड़, Oxygen प्रदान करने के लिये।
हर किसी का धन्यवाद जो मेरी आनंद यात्रा में सहयोगी हैं और जो सहयोग नहीं कर रहे हैं उनसे निवेदन हैं की वे इस आनंद यात्रा में मेरा सहयोग करें।
आतिश इंदौरी (रवि कुमार जैन)
धन्यवाद का उद्घोष करते हुये आंख बंद करके deep breathing (पांच मिनट)
धन्यवाद प्रभु, नया दिन प्रदान करने के लिये।
धन्यवाद सूरज, मुझ को प्राण-ऊर्जा प्रदान करने के लिये।
धन्यवाद वायु, मुझ को प्राण-वायु प्रदान करने के लिये।
धन्यवाद जल
धयवाद धरती, मुझे आसरा देने के लिये।
धन्यवाद पेड़, Oxygen प्रदान करने के लिये।
हर किसी का धन्यवाद जो मेरी आनंद यात्रा में सहयोगी हैं और जो सहयोग नहीं कर रहे हैं उनसे निवेदन हैं की वे इस आनंद यात्रा में मेरा सहयोग करें।
दोपहर
धन्यवाद का उद्घोष करते हुये आंख बंद करके deep breathing (पांच मिनट)
धन्यवाद प्रभु, समय आनंद से गुजर रहा हैं।
धन्यवाद सूरज, मुझ को प्राण-ऊर्जा प्रदान करने के लिये।
धन्यवाद वायु, मुझ को प्राण-वायु प्रदान करने के लिये।
धन्यवाद जल
धयवाद धरती, मुझे आसरा देने के लिये।
धन्यवाद पेड़, Oxygen प्रदान करने के लिये।
हर किसी का धन्यवाद जो मेरी आनंद यात्रा में सहयोगी हैं और जो सहयोग नहीं कर रहे हैं उनसे निवेदन हैं की वे इस आनंद यात्रा में मेरा सहयोग करें।
सोने के समय
धन्यवाद का उद्घोष करते हुये आंख बंद करके deep breathing (पांच मिनट)
धन्यवाद प्रभु, आज के आनंद के लिये।
धन्यवाद सूरज, मुझ को प्राण-ऊर्जा प्रदान करने के लिये।
धन्यवाद वायु, मुझ को प्राण-वायु प्रदान करने के लिये।
धन्यवाद जल
धयवाद धरती, मुझे आसरा देने के लिये।
धन्यवाद पेड़, Oxygen प्रदान करने के लिये।
हर किसी का धन्यवाद जो मेरी आनंद यात्रा में सहयोगी हैं और जो सहयोग नहीं कर रहे हैं उनसे निवेदन हैं की वे इस आनंद यात्रा में मेरा सहयोग करें।
आतिश इंदौरी (रवि कुमार जैन)
Friday, September 14, 2018
25 Tips for Succeeding in Your OCD Treatment by Fred Penzel, PhD
1. Always expect the unexpected. You can have an obsessive thought at any time or any place. Don’t be surprised when old or even new ones occur. Don‘t let it throw you. Be prepared to use your therapy tools at any time, and in any place. Also, if new thoughts appear, be sure to tell your therapist so you can keep them informed.
2. Be willing to accept risk. Risk is an integral part of life, and as such it cannot be completely gotten rid of. Remember that not recovering is the biggest risk of all.
3. Never seek reassurance from yourself or others. Instead, tell yourself the worst will happen, is happening, or has already happened. Reassurance will cancel out the effects of any therapy homework you use it on and prevent you from improving. Reassurance-seeking is a compulsion, no matter how you may try to justify it.
4. Always try hard to agree with all obsessive thoughts — never analyze, question, or argue with them. The questions they raise are not real questions, and there are no real answers to them. Try not to get too detailed when agreeing — simply say the thoughts are true and real.
5. Don’t waste time trying to prevent or not think your thoughts. This will only have the opposite effect and lead to thinking more thoughts. Studies have shown that you cannot effectively stop or push down particular thoughts. Your motto should be, “If you want to think about them less, think about them more.”
6. Try to not be a black-and-white, all-or-nothing thinker — don’t tell yourself that one slip up means you are now a total failure. If you slip and do a compulsion, you can always turn it around and do something to cancel it. The good news is that you are in this for the long haul, and you always get another chance. It is normal to make mistakes when learning new skills, especially in therapy. It happens to everyone now and then. Accept it. Even if you have a big setback, don’t let it throw you. Remember the saying, “A lapse is not a relapse.” This means that you never really go back to square one. To do that, you would have to forget everything you have learned up to that point, and that really isn’t possible. Also remember the sayings, “Never confuse a single defeat with a final defeat,” (F. Scott Fitzgerald) and as they say in AA, “You can always start your day over.”
7. Remember that dealing with your symptoms is your responsibility alone. Don’t involve others in your therapy homework (unless your therapist tells you to) or expect them to push you or motivate you. They won’t always be there when you need them, but YOU are always there for YOU.
8. Don’t get too impatient with your progress, or compare yourself to someone else. Everyone goes at their own pace. Instead, try to simply focus on carrying out each day’s therapy homework, one day at a time.
9. When you have a choice, always go toward the anxiety, never away from it. The only way to overcome a fear is to face it. You can’t run away from your own thoughts, so you really have no choice but to face them. If you want to recover, you will have to do this.
10. When faced with two possible choices of what to confront, choose the more difficult of the two whenever possible.
11. Review your therapy homework assignments daily, even if you think you know all of them. It is easy to overlook them — especially the ones you don’t look forward to doing.
12. If your therapist gives you an assignment you don’t feel ready to do, you can speak up and tell them so. As half of the therapist–patient team, you should be able to have a say in your own therapy. The goal is for the homework to produce some anxiety for you to get used to tolerating — not to overwhelm you with it and cause you a setback. On the other hand, don’t be afraid to stretch yourself a bit whenever you can.
13. Don’t wait for the “perfect moment” to start your therapy homework assignments. Procrastination is a feature of many people’s OCD, so start your therapy homework assignments the day you get them. The perfect moment is whenever you begin doing them.
14. Don’t be side-tracked by perfectionism. Perfectionism can be another feature of OCD. You may find your OCD telling you that if you don’t do your homework perfectly, you won’t recover. If you do find yourself obsessing about having to do your homework perfectly, you risk turning it into another compulsion. Watch out for having to do your homework according to the same rigid rules each time you do it. Also, don’t do your homework so excessively that it takes up your whole day. Remember that you still have a life to live.
15. Try to read over your homework assignments at the start of each day. Don’t assume that you know them all and will not forget them.
16. When carrying out assignments, be careful to not provide yourself reassurance and undo your hard work. Telling yourself things like,“It’s only homework, and the things I’m saying and doing don’t count and aren’t real,” or “My therapist wouldn’t ask me to do something that would cause harm to me or others,” or “I’m only doing this because I was told to, so I’m not responsible for anything bad that happens,” can undermine all the work your doing.
17. Give your homework your full attention, focus on what you are doing, and let yourself feel the anxiety. Try to not let yourself tune out when doing certain assignments, so that you don’t have to feel the anxiety. People sometimes let the homework become routine and do it in a very automatic way as a kind of avoidance. Also, don’t do homework while carrying out other distracting activities. You are building tolerance to what you fear, and for that to happen you have to be in the moment with it.
18. When faced with a challenging assignment or an unexpected challenging situation, try to look at it as a positive. View it as another opportunity to get better instead of saying, “Oh, no. Why do I have to do this?” Instead tell yourself, “This will be good for me — another chance to practice and get stronger.”
19. Try to not rush through your therapy homework so that you don’t have to feel as much anxiety. Take your time, and see if you can view it in terms of all the good it will do you. Getting it over with as quickly as possible is not the goal — raising a moderate level of anxiety and staying with it is the goal.
20. If your homework doesn’t really give you any anxiety, tell your therapist about it. If your exposure homework doesn’t cause at least some anxiety, it isn’t going to help you that much. On the other hand, try doing all new assignments for at least a week before deciding that they don’t make you anxious. Some assignments can cause reactions later on, and it may take doing them a few times before the anxiety occurs.
21. It is sometimes possible for OCD to try to make you doubtful about your homework. It may tell you that you are not in the right treatment, that your assignments cannot possibly make you better, or that you really don’t understand what you are doing and won’t be able to make it work. Remember that OCD was known as the Doubting Disease, and it will try to cast doubt on anything that is important to you. To fight this, you may have to agree with it by saying, “Yes, that’s right. I really won’t get better.”
22. Never forget that you have OCD. This means that you will not always be able to trust your own reactions or the things you think and feel, especially if they seem to be telling you very negative and extreme things. If you are unsure if something is really a symptom, treat it as a symptom. Better to do a bit more exposure than not enough.
23. Remember that in OCD, the problem is not the anxiety — the problem is the compulsions.
If you think the anxiety is the problem, you will only do more compulsions to get rid of it (which will only create more anxiety). If you recognize that the compulsions are the problem, stop doing them, and stay with the fearful situation, then the anxiety will eventually go away as you build up tolerance.
24. Always take a moment to be proud of your own efforts and recognize your successes. It’s a good way to help keep up your motivation. Look back at earlier assignments that are no longer challenging if you believe you aren’t making progress.
25. Overall, never forget that OCD is very paradoxical and rarely makes much sense. The things that you thought would make you better only make you worse, and the things you thought would make you worse are the very things that will make you better.
(This article can be found at https://iocdf.org/expert-opinions/25-tips-for-ocd-treatment/ )
Monday, September 10, 2018
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Wednesday, September 5, 2018
Shopping List (Healthy)
Healthy Shopping List
A
Akhrot (walnut)
B
Badam (Almonds)
C
Coconut Water
Canola Oil
Chana Jor
D
Dry Fruits
E
F
Fruits
G
H
I
इमली
J
K
Kaju
Kismis (Resins)
L
M
Mustard Oil
N
O
Olive Oil
P
Pista
Q
R
Rajgira Laddu
S
T
U
V
W
X
Y
Z
A
Akhrot (walnut)
B
Badam (Almonds)
C
Coconut Water
Canola Oil
Chana Jor
D
Dry Fruits
E
F
Fruits
G
H
I
इमली
J
K
Kaju
Kismis (Resins)
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Mustard Oil
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O
Olive Oil
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Pista
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Rajgira Laddu
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Monday, September 3, 2018
समाधि भावना : दिन रात मेरे स्वामी
समाधि भावना : दिन रात मेरे स्वामी
इसमें कोई संदेह नहीं की किस प्राणी की मृत्यु कब हो जाये, कोई नहीं जानता. अतः हमें हर पल अपने किये हुये दोषों के प्रक्षालन के लिये प्रभु का नाम स्मरण करते रहना चाहिये और प्रभु से प्रार्थना करनी चाहिये की हे देव मेरा समाधि मरण हो और अंतिम समय में बस आपका ही नाम स्मरण में रहे. हे देव मेरी बस यही प्रार्थना है.
दिन रात मेरे स्वामी, मैं भावना ये भाऊं,
देहांत के समय में, तुमको न भूल जाऊं ।टेक।
शत्रु अगर कोई हो, संतुष्ट उनको कर दूं,
समता का भाव धर कर, सबसे क्षमा कराऊं ।1।
त्यागूं आहार पानी, औषध विचार अवसर,
टूटे नियम न कोई, दृढ़ता हृदय में लाऊं ।2।
जागें नहीं कषाएं, नहीं वेदना सतावे,
तुमसे ही लौ लगी हो, दुर्ध्यान को भगाऊं ।3।
आत्म स्वरूप अथवा, आराधना विचारूं,
अरहंत सिद्ध साधू, रटना यही लगाऊं ।4।
धरमात्मा निकट हों, चर्चा धरम सुनावें,
वे सावधान रक्खें, ग़ाफ़िल न होने पाऊं ।5।
जीने की हो न वांछा, मरने की हो न ख़्वाहिश,
परिवार मित्र जन से, मैं मोह को हटाऊं ।6।
भोगे जो भोग पहिले, उनका न होवे सुमिरन,
मैं राज्य संपदा या, पद इंद्र का न चाहूं ।7।
रत्नत्रय का पालन, हो अंत में समाधि,
‘शिवराम’ प्रार्थना यह, जीवन सफल बनाऊं ।8। Link Audio
इसमें कोई संदेह नहीं की किस प्राणी की मृत्यु कब हो जाये, कोई नहीं जानता. अतः हमें हर पल अपने किये हुये दोषों के प्रक्षालन के लिये प्रभु का नाम स्मरण करते रहना चाहिये और प्रभु से प्रार्थना करनी चाहिये की हे देव मेरा समाधि मरण हो और अंतिम समय में बस आपका ही नाम स्मरण में रहे. हे देव मेरी बस यही प्रार्थना है.
दिन रात मेरे स्वामी, मैं भावना ये भाऊं,
देहांत के समय में, तुमको न भूल जाऊं ।टेक।
शत्रु अगर कोई हो, संतुष्ट उनको कर दूं,
समता का भाव धर कर, सबसे क्षमा कराऊं ।1।
त्यागूं आहार पानी, औषध विचार अवसर,
टूटे नियम न कोई, दृढ़ता हृदय में लाऊं ।2।
जागें नहीं कषाएं, नहीं वेदना सतावे,
तुमसे ही लौ लगी हो, दुर्ध्यान को भगाऊं ।3।
आत्म स्वरूप अथवा, आराधना विचारूं,
अरहंत सिद्ध साधू, रटना यही लगाऊं ।4।
धरमात्मा निकट हों, चर्चा धरम सुनावें,
वे सावधान रक्खें, ग़ाफ़िल न होने पाऊं ।5।
जीने की हो न वांछा, मरने की हो न ख़्वाहिश,
परिवार मित्र जन से, मैं मोह को हटाऊं ।6।
भोगे जो भोग पहिले, उनका न होवे सुमिरन,
मैं राज्य संपदा या, पद इंद्र का न चाहूं ।7।
रत्नत्रय का पालन, हो अंत में समाधि,
‘शिवराम’ प्रार्थना यह, जीवन सफल बनाऊं ।8। Link Audio
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