1. तरबूज - हमेशा भारी तरबूज ही चुनें| पके तरबूज का एक तरफ का हिस्सा गहरे हरे रंग का होगा, जिसमें भूरे रंग के दाग पड़े होंगे| कच्चे तरबूज का हिस्सा हल्का पीला, सफ़ेद या हरे रंग का होगा|
Tuesday, June 28, 2016
Monday, June 20, 2016
chaughadia
रवि (उद्वेग-अशुभ)>>शुक्र (चल-सामान्य)>>बुध (लाभ-शुभ)>>सोम (अमृत-शुभ)>>शनि (काल-अशुभ)>>गुरु (शुभ-शुभ)>>मंगल (रोग-अशुभ)
रविवार के दिन रवि से ये चक्र प्रारम्भ होगा ।
सोमवार को ये चक्र सोम से प्रारम्भ होगा ।
मंगलवार को ये चक्र मंगल से प्रारम्भ होगा ।
बुधवार को ये चक्र बुध से प्रारम्भ होगा ।
गुरूवार को ये चक्र गुरु से प्रारम्भ होगा ।
शुक्रवार को ये चक्र शुक्र से प्रारम्भ होगा ।
शनिवार को ये चक्र शनि से प्रारम्भ होगा ।
chaughadia
रविवार के दिन रवि से ये चक्र प्रारम्भ होगा ।
सोमवार को ये चक्र सोम से प्रारम्भ होगा ।
मंगलवार को ये चक्र मंगल से प्रारम्भ होगा ।
बुधवार को ये चक्र बुध से प्रारम्भ होगा ।
गुरूवार को ये चक्र गुरु से प्रारम्भ होगा ।
शुक्रवार को ये चक्र शुक्र से प्रारम्भ होगा ।
शनिवार को ये चक्र शनि से प्रारम्भ होगा ।
chaughadia
Wednesday, June 15, 2016
Tuesday, June 14, 2016
bicycle buying guide
Step 1: Decide type of bicycle do you want to purchase. For example Firefox Rapide 21S is Hybrid type of bicycle. Visit these links: 1, 2, 3
Step 2: Choose the correct frame size. Visit these links: 1, 2, 3,4,5,6
Note: Firefox Rapide 21S, Trek 7.1 FX, Montra Trance 2015 - 2015 have 700x35c tyres/tubes.
Step 2: Choose the correct frame size. Visit these links: 1, 2, 3,4,5,6
Note: Firefox Rapide 21S, Trek 7.1 FX, Montra Trance 2015 - 2015 have 700x35c tyres/tubes.
Thursday, June 2, 2016
तीर्थंकर चिन्ह
1. | श्री ऋषभनाथ | - | बैल |
2. | श्री अजितनाथ | - | हाथी |
3. | श्री संभवनाथ | - | घोड़ा |
4. | श्री अभिनंदननाथ | - | बंदर |
5. | श्री सुमतिनाथ | - | चकवा |
6. | श्री पदम प्रभु | - | कमल |
7. | श्री सुपाश्रर्वनाथ | - | सांथिया |
8. | श्री चन्द्रप्रभु | - | चंद्रमा |
9. | श्री पुष्पदंत | - | मगर |
10. | श्री शीतलनाथ | - | कल्पवृक्ष |
11. | श्री श्रेयांसनाथ | - | गैंडा |
12. | श्री वासुपुज्य | - | भैंसा |
13. | श्री विमलनाथ | - | शूकर |
14. | श्री अनंतनाथ | - | सेही |
15. | श्री धर्मनाथ | - | वज्रदंड |
16. | श्री शान्तिनाथ | - | हिरण |
17. | श्री कुन्थुनाथ | - | बकरा |
18. | श्री अरहनाथ | - | मछली |
19. | श्री मल्लिनाथ | - | कलश |
20. | श्री मुनिसुव्रतनाथ | - | कछुआ |
21. | श्री नमिनाथ | - | नीलकमल |
22. | श्री नेमिनाथ | - | शंख |
23. | श्री पाश्रर्वनाथ | - | सर्प |
24. | श्री महावीर | - | सिंह |
Wednesday, June 1, 2016
Namokar Dhyan
णमोकार मन्त्र
एसोपंचणमोक्कारो, सव्वपावप्पणासणो
मंगला णं च सव्वेसिं, पडमम हवई मंगलं
यह नमस्कार महामंत्र सब पापो का नाश करने वाला तथा सब मंगलो मे प्रथम मंगल है।
णमोकार मंत्र में 5 पद हैं, जिनमें रंग हैं- क्रमश: श्वेत, रक्त, पीत, नील, श्याम। (Source1, Source2)
चत्तारि मंगल - अरहंता मंगलं, सिध्दा मंगलं, साहू मंगलं, केवलिपण्णत्तो धम्मो मंगलं ॥
अर्थ लोक में चार मंगल हैं (1) अरिहन्त मंगल है (2) सिध्द मंगल है (3) साधु मंगल है । (4) केवली प्रणीत जिन धर्म मंगल है ।
चत्तारिलोगुत्तमा-अरिहंता लोगुत्तमा, सिध्दा लोगुत्तमा, साहू लोगुत्तमा, केवलिपण्णत्तो धम्मों लोगुत्तमा ।
अर्थ लोक में चार उत्तम है (2) सिध्द उत्तम है । (3) साधु उत्तम है (4) केवली प्रणीत जिनधर्म उत्तम है ।
चत्तारिशरणं पव्वज्जमि-अरिहंत शरणं पव्वज्जामि, सिध्द शरणं पव्वज्जामि, साहू शरणं पव्वज्जामि, केवलिपण्णत्तो धम्मंशरणं पव्वज्जामि ।
अर्थ लोक में चारशरण हैं । 1- अरिहन्तों की शरण है । 2- सिध्दों की शरण है । 3- साधुओं की शरण है । 4- केवलि प्रणीत जिनधर्म की शरण है ।
अरिहंतो के 46 मूलगुण होते हैं । सिध्दों के 8 मूलगुण होते है । आचार्यों के 36 मूलगुण होते है। उपाध्यायों के 25 मूलगुण होते है । साधुओं के 28 मूलगुण होते है ।
णमो अरिहंताणं | अरिहंतो को नमस्कार हो। | |||
---|---|---|---|---|
णमो सिद्धाणं | सिद्धों को नमस्कार हो। | |||
णमो आयरियाणं | आचार्यों को नमस्कार हो। | |||
णमो उवज्झायाणं | उपाध्यायों को नमस्कार हो। | |||
णमो लोए सव्व साहूणं | लोक के सर्व साधुओं को नमस्कार है। |
एसोपंचणमोक्कारो, सव्वपावप्पणासणो
मंगला णं च सव्वेसिं, पडमम हवई मंगलं
यह नमस्कार महामंत्र सब पापो का नाश करने वाला तथा सब मंगलो मे प्रथम मंगल है।
णमोकार मंत्र में 5 पद हैं, जिनमें रंग हैं- क्रमश: श्वेत, रक्त, पीत, नील, श्याम। (Source1, Source2)
चत्तारि मंगल - अरहंता मंगलं, सिध्दा मंगलं, साहू मंगलं, केवलिपण्णत्तो धम्मो मंगलं ॥
अर्थ लोक में चार मंगल हैं (1) अरिहन्त मंगल है (2) सिध्द मंगल है (3) साधु मंगल है । (4) केवली प्रणीत जिन धर्म मंगल है ।
चत्तारिलोगुत्तमा-अरिहंता लोगुत्तमा, सिध्दा लोगुत्तमा, साहू लोगुत्तमा, केवलिपण्णत्तो धम्मों लोगुत्तमा ।
अर्थ लोक में चार उत्तम है (2) सिध्द उत्तम है । (3) साधु उत्तम है (4) केवली प्रणीत जिनधर्म उत्तम है ।
चत्तारिशरणं पव्वज्जमि-अरिहंत शरणं पव्वज्जामि, सिध्द शरणं पव्वज्जामि, साहू शरणं पव्वज्जामि, केवलिपण्णत्तो धम्मंशरणं पव्वज्जामि ।
अर्थ लोक में चारशरण हैं । 1- अरिहन्तों की शरण है । 2- सिध्दों की शरण है । 3- साधुओं की शरण है । 4- केवलि प्रणीत जिनधर्म की शरण है ।
अरिहंतो के 46 मूलगुण होते हैं । सिध्दों के 8 मूलगुण होते है । आचार्यों के 36 मूलगुण होते है। उपाध्यायों के 25 मूलगुण होते है । साधुओं के 28 मूलगुण होते है ।
Quotes About Remaining Silent
“silence is the language of god,
all else is poor translation.”
― Rumi
“Speak when you are angry and you will make the best speech you will ever regret.”
― Ambrose Bierce
“Never complain, never explain. Resist the temptation to defend yourself or make excuses.”
― Brian Tracy
“The right word may be effective, but no word was ever as effective as a rightly timed pause.”
― Mark Twain
all else is poor translation.”
― Rumi
“Speak when you are angry and you will make the best speech you will ever regret.”
― Ambrose Bierce
“Never complain, never explain. Resist the temptation to defend yourself or make excuses.”
― Brian Tracy
“The right word may be effective, but no word was ever as effective as a rightly timed pause.”
― Mark Twain
Controlling your anger
1. Don't be angry with any type of question. First smile then answer softly.
2. When you are angry silently count your breath as you breathe out.
3. Try to remain as silent as you can.
2. When you are angry silently count your breath as you breathe out.
3. Try to remain as silent as you can.
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