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Wednesday, June 10, 2015

आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज द्वारा रचित हायकू "मलाई कहाँ, अशान्त दूध में, सो !, प्रशान्त बनो।"

मलाई कहाँ, अशान्त दूध में, सो !, प्रशान्त बनो।
- आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

दूध से मलाई निकालने की प्रक्रिया में दूध को एक लम्बे समय के लिए बिना हिलाये डुलाये यानी शांत रखा जाता हैं। हमारा सर्वश्रेष्ठ तभी सामने आएगा जब हम आंतरिक रूप से शांत होंगे।

व्याख्या में कुछ गलती हो या कठिनाई हों तो संपर्क करे। 9406630247 (ravikumarjain at gmail.com)

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