"योग का क्षेत्र, अन्तरराष्ट्रीय नहीं, अन्तर्जगत है।"
- आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
योग के माध्यम से मनुष्य अपने अन्तर्जगत को सही स्थिति में रखता हैं। सही अर्थ में योग का क्षेत्र अंतराष्ट्रीय नहीं है।
व्याख्या में कुछ गलती हो या कठिनाई हों तो संपर्क करे। 9406630247 (ravikumarjain at gmail.com)
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