निर्देशः प्रत्येक वाक्य को आंखें बंद करके दस बार मन में दुहराये जब भी आपका मन हो।
मुझे शांत रहना है।
मैं कार्य समाप्त कर के बार बार रि-चेक नहीं करता क्योंकि मैं जानता हूं कि कोई भी कार्य 100% परफेक्ट नहीं होता है एवं मैं अपना काम अच्छे से करता हूं।
मैं सांस लेते हुये 'सो' की ध्वनि (बिना बोले हुये) एवं सांस छोड़ते हुये 'हम' की ध्वनि (बिना बोले हुये) करता हूं।
मैं प्रत्येक काम तभी करता हूं जब वो नियत हो।
मुझे डरना नहीं है।
मुझे खुश रहना है।
ठोकर खा कर ठाकुर बनते है।
मैं पुरानी बुरी स्मृतियों का त्याग करता हूं।
मैं मन वचन काय से अहिंसक हूं मुझे इस पर गर्व हैं। भगवान ने यह मुझ पर कृपा की है। भगवान एसी कृपा हर जन्म में मुझ पर करें।
मैं बूढ़ों और गरीबों की सहायता करता हूं।
भावना योग क्या है? इस लिंक से जाने। (Link)
मुझे शांत रहना है।
मैं कार्य समाप्त कर के बार बार रि-चेक नहीं करता क्योंकि मैं जानता हूं कि कोई भी कार्य 100% परफेक्ट नहीं होता है एवं मैं अपना काम अच्छे से करता हूं।
मैं सांस लेते हुये 'सो' की ध्वनि (बिना बोले हुये) एवं सांस छोड़ते हुये 'हम' की ध्वनि (बिना बोले हुये) करता हूं।
मैं प्रत्येक काम तभी करता हूं जब वो नियत हो।
मुझे डरना नहीं है।
मुझे खुश रहना है।
ठोकर खा कर ठाकुर बनते है।
मैं पुरानी बुरी स्मृतियों का त्याग करता हूं।
मैं मन वचन काय से अहिंसक हूं मुझे इस पर गर्व हैं। भगवान ने यह मुझ पर कृपा की है। भगवान एसी कृपा हर जन्म में मुझ पर करें।
मैं बूढ़ों और गरीबों की सहायता करता हूं।
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